बोहोत सोचा , सच कहता हूँ गलत किया मैंने
उन्हें नहीं कहना था ऐसा , पगला हूँ क्या करूं
कुछ भी कर जाता हूँ , बिना कुछ सोचे समझे
पता नहीं में बदला हूँ या मेरे सोच
खुद से ही परेसान रहता हूँ
सोचता रहता हूँ और बस सोचता ही रहता हूँ
कैसे कहूं उनसे , गलती हो गयी
माफ़ी नहीं मंगनी आती ,पता नहीं कैसे कहूं
पता है उन्हें बुरा लगा होगा , कुछ भी पता नहीं
सायद इसलिए गलत कर बैठा , नादाँ हूँ क्या करूं
दिल से कहता हूँ माफ़ कर दो ,
please forgive me.
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kafi sahi hai lekin words ki locations change karne se kafi effective ho sakta hai
ReplyDeletemast hai yaa rbt kisko sorry kahna hai
ReplyDeletetnx yaar
ReplyDeleteJiske liye likha hai use link jarur bhejna..u ll definitely get forgiveness...hehehe...
ReplyDeletegood going boss..