Tuesday, October 27, 2009

एक छोटी सी बात

बोलना और कहना आसान है ....ये छोटी सी बात है ....कुछ भी हुआ हो ....एक आसन सा जवाब होता है ...अरे ये तो बोहोत छोटी बात है ....किस के अन्दर क्या होता है कहना मुस्किल है .....यों कहो नाम्मुम्किन है ....में अपने अन्दर की बात क्या बताऊँ ....कुछ नहीं है कहने हो .....यों कहो एक छोटी सी बात है ......आज बोहोत याद आ रही है उसकी ....पड़ ये छोटी सी बात नहीं ....में चाहता हूँ उसे भूल पाऊँ ......पगला हूँ मई भी .....किसे भूलना चाहता हूँ मई ......आप बताओ , क्या आप अपने आप को भूल सकते हो .....सायद ऐसा भी होता हो ....पड़ मैं अपंने आप को नहीं भूल सकता ,,,,वोही मेरी आप है ...वोही में हूँ ....सायद यही कारन है में खुस नहीं रहता , सायद .....कितना सोचता हूँ मैं ....हालत देखो मेरी ...कितना बदल गया हूँ ....खुद को भूल गया हूँ ....पड़ ऐसा होता ह...ये तो छोटइ si बात है ....सबके साथ होती है ....में झूट नहीं बोलता .....आप सोचो और बताओ ....पड़ झूट मत बोलना ...सच्चे बनो .....hamesa सच्चे ....सच्चा तो सच्चा ही है ....बिलकुल पानी की तेरह साफ़ ...की मिलावट नहीं ....ऐसा ही होता है सच्चा प्यार्र .....लगता है में अपनी बातों से भटक गया ...कोई बात नह i ये तो छोटी सी बात है ....क्या कहूं कोई सब्द नहीं हैं कहने को ....बस एक छोटी सी बात है

3 comments:

  1. bahut sahi likhe ho ............jo bhi kaha wo sab sach hai

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  2. coool abhinav..whos dat girl..dheere dheere raaz khul rahe hai tere..
    nice one..keep writing..

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  3. @neha koi girl wirl nahi hai bas mere feelings hein..........

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